ज्ञानवापी की लड़ाई को लेकर पक्षकारों ने पिछले साल में क्या किया और आगे के साल में इस मुकदमे से जुड़े किन मुद्दों पर युद्ध आगे जारी रहने वाला है ये जानकारी महत्वपूर्ण है।

चाणक्य इण्डिया,अशोक मलिक वाराणसी।नया साल आ रहा है और वर्ष 2025 को लेकर हर कोई उम्मदीजदा है। इस खास रिपोर्ट में साल 2024 में सबसे चर्चित ज्ञानवापी को लेकर क्या तस्वीर रही और इसकी लड़ाई कहां तक पहुंची और आने वाले साल से जनता को ज्ञानवापी को लेकर कितनी उम्मीद है इस पर हम जानकारी दे रहे हैं। हम जिन मुद्दों की जानकारी देंगे उनके कुछ बिंदुओं को जिक्र भी आपसे पहले करेंगे इसके साथ ही इस साल को लेकर उम्मीद क्या है ये बताएंगे। पहले कुछ बिंदुओं को जान लें फिर इससे जुड़ी खबर आपको बताएंगे।
ज्ञानवापी मामले में सुनवाई को कोल्ड ईयर साबित हुआ साल 2024
.मामले को लेकर अदालत में चल रहे हैं 21 मुकदमें
.31 जनवरी की देर रात को व्यास जी के तहखाने में शुरू हुई सालों से बंद पूजा
.ज्ञानवापी मामले के जज ए. के. विश्वेश हुए रिटायर
.पूजा पाठ के साथ ही तीन महीने बंद रही कोर्ट
.जुलाई माह में शुरू हुई सुनवाई लगातार मिली तारीख पे तारीख
.राखी सिंह की ओर से 10 तहखानों के सर्वे को लेकर पड़ी है एप्लिकेशन
.किरण सिंह की ओर से वाद को अलग करने की अपील की गई है.
वर्ष 2024 का जनवरी माह हिंदू समुदाय के लिए लेकर आया उत्साह,खुला व्यास जी का तहखाना
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और जिला अदालत में कुल 21 मामले चल रहे हैं। इन मामलों में सुनवाई जारी है लेकिन वर्ष 2024 की शुरूआत के साथ जनवरी की 31 तारीख आई और देर रात व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू करा दी गई। इस पर चर्चा गर्म हुई मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति जताई है और कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई चल रही है।
व्यास जी के तहखाने से जुड़ी डिटेल
वर्ष 1993 में उस वक्त की मुलायम सिंह की सरकार ने बिना किसी लिखित आदेश के तहखाने की पूजा बंद करा दी और तहखाने में प्रवेश पर रोक लगा दी। इसके बाद व्यास परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन इन्हें काई राहत नहीं मिली। इसी बीच मामला ए के विश्वेश की अदालत में पहुंचा और जिस दिन जज रिटायर हो रहे थे उन्होंने हिंदू समुदाय को ऐसा फैसला दे दिया जिस पर ये गदगद हो गए। 1 फरवरी की सुबह व्यास जी के तहखाने में फिर से पूजा होती नजर आई।
ज्ञानवापी मुकदमें में 2024 में मिलती रही तारीख पे तारीख
ज्ञानवापी मामले में साल 2024 तारीख पे तारीख वाला साल साबित हुआ। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि ये साल तारीख वाला साल रहा क्योंकि हमने कुल तीस से ज्यादा तारीखों पर अपनी हाजिरी लगाई और फिर से अगली तारीख मिल गई। तहखाने में पूजा की शुरूआत के बाद राखी सिंह ने कोर्ट में अपील कर दस अन्य तहखानों के सर्वे की गुहार लगाई। इस दौरान सुनवाई तो हुई लेकिन इस मामले में भी तारीख पड़ती नजर आई। इसके साथ ही किरण सिंह और संतोश सिंह की ओर से 712 मूल मुकदमें को ट्रायल कोर्ट में ले जाने की अपील की गई। इस पर तारीख पड़ रही है।
साल 2025 से उम्मीद
सुनवाई के तौर पर तारीखों वाले साल के जाने के साथ अब इस मुकदमें से जुड़े लोग इस उम्मीद में हैं कि आने वाला साल इनके द्वारा दी गई याचिकाओं पर विचार करके अपना निर्णय जरूर सुनाएगा। इसे लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने कमर भी कसी है और मामले में तेजी आएगी ऐसी उम्मीद की जा रही है।
अब हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी से जुड़े 15 मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में एकसाथ कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका पर आदेश आना बाकी है। हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी से संबंधित ज्यादातर मुकदमें एक ही प्रकृति के हैं। इसलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी सुनवाई एकसाथ नियमित हो ।
Ashok Malik
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